आप बैंक परीक्षा में सफल होने के लिए और बैंक में नौकरी पाने के लिए ये काम करें

बैंक में नौकरी कैसे पाएं

बैंक में नौकरी कैसे पाएं आइये समझते हैं। भारत में बैंकिंग प्रणाली ने अर्थव्यवस्था के लिए ही नहीं, बल्कि रोजगार के मामले में भी अहम भूमिका निभाई है। आजकल युवाओं के बीच बैंक में नौकरी करना एक शान का विषय माना जाता है जिसके लिए बारहवीं के बाद से ही युवा तैयारी करना शुरू कर देते हैं। वैसे तो अखिल भारतीय स्तर पर बैंकों के लिए किसी न किसी पद हेतु भर्ती लगातार चलती रहती है लेकिन जब बड़ी संख्या में उम्मीदवारों का चयन करना होता है तो उसके लिए कई चरणों में परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। बैंकों के मामले में देश की सबसे बड़ी नियामक संस्था भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ़ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन (आईबीपीएस) ऑफिस असिस्टेंट के एग्जाम का आयोजन कराता रहता है। बैंकिंग की तैयारी करने के लिए कुछ अहम बातों पर ध्यान जरूर दें।

बैंक में नौकरी का सपना :

आजकल बैंक में तीन तरह की नौकरियों की तैयारी युवाओं को ज्यादा आकर्षित करती हैं - बैंक क्लर्क, प्रोबेशनरी ऑफिसर (पीओ), स्पेशलिस्ट ऑफिसर (एसओ) आदि। आज के मानव जीवन में बैंक एक संजीवनी जैसा है जो हमारी जरूरतों के वक्त हमेशा साथ खड़ा रहता है। चाहे हमें अपनी कमाई का कुछ हिस्सा भविष्य के लिए बचाना हो या फिर घर का कीमती सामान सुरक्षित रखना हो या पढ़ाई, वाहन, घर, रोजगार या किसी अन्य कार्य के लिए लोन लेना हो।

बैंक ही एक सच्चा साथी बनकर उभरा है। अधिकांश युवाओं का सपना बैंक में परिवीक्षाधीन अधिकारी (प्रोबेशनरी ऑफिसर - पीओ) बनने का होता है। हालांकि बैंक क्लर्क और असिस्टेंट आदि पदों के लिए भी परीक्षा देने वाले युवाओं की कोई कमी नहीं है। ऐसे युवा जो कृषि क्षेत्र में स्नातक, वित्त या मानव संसाधन जैसे विषयों में एमबीए की योग्यता प्राप्त कर चुके हैं उन्हें भी बैंक में स्पेशलिस्ट ऑफिसर बनने का सुनहरा मौका मिल सकता है।

बैंक में नौकरी के लिए योग्यता और आयु सीमा :

आमतौर पर सभी बैंकिंग पदों के लिए आपको अब स्नातक होना आवश्यक है और आपकी उम्र क्लर्क के लिए 28 वर्ष और ऑफिसर बनने के लिए 30 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। हां, तलाकशुदा महिला, विधवा, विकलांग, एससी, एसटी और सैन्य विभाग से जुड़े उम्मीदवारों के लिए आवश्यक छूट का प्रावधान है।

परीक्षा के आयोजक :

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को छोड़कर अन्य सभी सरकारी बैंकों के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ़ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन (आईबीपीएस) द्वारा आयोजित किया जाता है। स्टेट बैंक अपने सभी समूह बैंकों के लिए अलग से परीक्षा आयोजित करता है और योग्य उम्मीदवारों का चयन करता है। ध्यान रहे कि बैंक की सभी परीक्षाओं के लिए लाखों की संख्या में उम्मीदवार आवेदन करते हैं इसलिए यह आवश्यक है कि आपकी संपूर्ण तैयारी पूरी तरह से व्यवस्थित और सुनियोजित हो।

बैंक परीक्षाओं का प्रारूप और सिलेबस :

अगर बात बैंक क्लर्क की करें तो परीक्षा दो चरणों में होती है जिनमें प्राथमिक और मुख्य परीक्षा शामिल हैं। वहीं पीओ के लिए आपको तीन स्तर की परीक्षा से गुजरना पड़ेगा जिनमें इंटरव्यू (100 अंक) भी मुख्य है। परीक्षा ऑब्जेक्टिव होती है जिसमें निगेटिव मार्किंग का प्रावधान है। क्लर्क और पीओ के लिए प्रथम स्तर पर सिलेबस समान है जिनमें 100 मिनट में 100 प्रश्नों को हल करना होता है, जिनमें अंग्रेजी के 30, गणित के 35 और बुद्धि परीक्षण के 35 प्रश्न होते हैं।

क्लर्क की परीक्षा में मुख्य स्तर के लिए आपको 160 मिनट में 190 प्रश्न करने होते हैं जिनमें कंप्यूटर एप्लिकेशन और सामान्य ज्ञान प्रथम स्तर के अलावा होता है। गणित में संख्या पद्धति, लाभ-हानि, समय, दूरी, काम, प्रायिकता, ब्याज, क्रमचय और संचय मुख्य हैं। अंग्रेजी में अनुच्छेद, वाक्य पूरा करना, क्लोज टेस्ट, वाक्य शुद्धि आदि के प्रश्न होते हैं। जहां तक रीजनिंग का सवाल है तो इसमें रक्त संबंध, दिशा, पहेली, रैंकिंग, अल्फानुमेरिक सीरीज आदि खंडों से प्रश्न पूछे जाते हैं।

रिविजन की एक ख़ास प्रणाली :

अध्ययन के दौरान दोहराना या रिविजन एक ऐसा तरीका है जो पढ़ी गई सूचनाओं को ज्यादा समय तक याद रखने में मददगार है। रिविजन की सबसे बेहतरीन पद्धति को एसआरएस यानी स्पेस रिपिटीशन सिस्टम के नाम से जाना जाता है। इस सिस्टम में पढ़ाई के दौरान अंतराल कायम करने पर जोर दिया जाता है। यह एक जांची-परखी पद्धति है जो कि किसी टॉपिक को क्रमानुसार एक दिन, तीन दिन और फिर एक सप्ताह पर दोहराने से जुड़ी है।

इस प्रक्रिया से आपका अवचेतन मस्तिष्क जाग्रत होता है। नियमित अंतराल पर रिविजन वाले तरीके से आप जब कोई टॉपिक निर्धारित समय के पश्चात बार-बार दोहराते हैं तो आपका मस्तिष्क उसे महत्वपूर्ण सूचना के तौर पर संजो लेता है। इस वजह से यह आपके मस्तिष्क की दीर्घकालीन स्मृति में पहुंच जाता है। यह तकनीक एक ही बार में बहुत सारी जानकारी को दिमाग में समेटने से ज्यादा बेहतर है।
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