फॉरेन लेंग्वेज में करियर बनाने के बारे में जानिए
ऐसे व्यक्तियों की मांग न केवल कॉर्पोरेट क्षेत्र में बल्कि अन्य कई क्षेत्रों जैसे - टूरिज्म, डिप्लोमेटिक सर्विस, पब्लिक रिलेशन, प्रिंटिंग पब्लिशिंग आदि भी बढ़ रही है। इस प्रकार फॉरेन लैंग्वेज (Foreign Language) के कोर्स रोजगार की नई और व्यापक संभावनाएं पैदा कर रहे हैं। आज जब 'मेक इन इंडिया (Make In India)' और 'मेक फॉर इंडिया (Make For India)' जैसे विचारों को बढ़ावा दिया जा रहा है तो बहुत सी विदेशी कंपनियां भारत में अपना निर्माण कार्य शुरू कर रही हैं। इन सब से विदेशी भाषाओं के जानकारों की जरूरत दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है।
फॉरेन लैंग्वेज (Foreign Language) के कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया :
विदेशी भाषा के विभिन्न कोर्सों में 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थी भी प्रवेश ले सकते हैं। विभिन्न संस्थाएं विदेशी भाषा में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, डिप्लोमा आदि कोर्स कराती हैं। कई विश्वविद्यालयों में पोस्ट ग्रेजुएट और रिसर्च की सुविधा भी उपलब्ध है। जो व्यक्ति विदेशी भाषा में अपना करियर बनाना चाहते हैं वे इन कोर्सेस में प्रवेश ले सकते हैं। विदेशी भाषा में स्किल के लिए अच्छे संस्थान को जॉइन करना, उपयुक्त पुस्तकें पढ़ना और सही मार्गदर्शन लेना ज्यादा ठीक रहता है। इसके लिए उस भाषा के रेडियो प्रोग्राम्स सुनना और टीवी प्रोग्राम्स देखना भी उपयोगी रहता है।यूट्यूब पर भी इस तरह के वीडियो मिल सकते हैं। विदेशी भाषा को सीखने वाले व्यक्तियों के ग्रुप का आपस में उसी भाषा में बात करना फायदेमंद रहता है। साथ ही उस देश का ट्यूटर हायर करना और वहां के लोगों से बातचीत करना भी लाभदायक रहता है। इससे उस देश की भाषा को बोलने की टोन की जानकारी मिलती है और वहां के कल्चर का भी ज्ञान हो जाता है।
फॉरेन लैंग्वेज (Foreign Language) में शानदार करियर विकल्प :
जो व्यक्ति अन्य लोगों की जीवन शैली और भाषा में रूचि रखता है और अच्छा करियर चाहता है उसके लिए विदेशी भाषा का कोर्स करना शानदार विकल्प है। इसमें नई-नई जानकारी और जॉब संतुष्टि के साथ-साथ आकर्षक पे-पैकेज भी उपलब्ध हैं। हिंदी और इंग्लिश के साथ किसी और फॉरेन लैंग्वेज (Foreign Language) की जानकारी वाले व्यक्तियों की देश-विदेश में भी काफी डिमांड है। आज के दौर में विदेशी भाषाओं के पेशेवर व्यक्तियों की मांग तेजी से बढ़ रही है जिसके अनुरूप स्किल्ड प्रोफेशनल्स की कमी ही रहती है। अतः इन भाषाओं को सीखने के बाद रोजगार की कमी नहीं रहती।फॉरेन लैंग्वेज (Foreign Language) में शानदार पैकेज है :
विदेशी भाषा के फील्ड में रोजगार पाने वालों को शानदार पैकेज मिलता है। वे केवल देश में ही नहीं विदेश में भी रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। एन.एन.सी. कंपनियों में मार्केटिंग और पीआर में काम करने वालों को 30,000 से 1 लाख रूपये प्रतिमाह तक का पे-पैकेज मिल सकता है। फॉरेन लैंग्वेज (Foreign Language) के टीचर्स को भी 20,000-50,000 रूपये प्रतिमाह तक सैलरी मिल सकती है। प्रिंटिंग और पब्लिशिंग उद्योग में भी रोजगार की काफी संभावनाएं हैं। पे-पैकेज लैंग्वेज स्किल, एक्सपीयरेंस आदि के साथ-साथ लगातार बढ़ता जाता है। फॉरेन लैंग्वेज के एक्सपर्ट व्यक्तियों की फॉरेन लैंग्वेज ट्रेनर, ट्रांसलेटर, रिसर्च एसोसिएट्स, टूरिस्ट गाइड, एयर हॉस्टेज, होटल मैनेजर और अटेंडेंट्स, फ्रीलांस लेखक, पब्लिक रिलेशन ऑफिसर, मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव, ब्रांच मैनेजर, इंस्टीट्यूट डायरेक्टर आदि जैसे कई रूपों में सेवाएं ली जा सकती हैं।फॉरेन लैंग्वेज (Foreign Language) कोर्स के बाद संभावनाएं :
- ट्रेवल, टूरिज्म एंड होटल इंडस्ट्री
- देश और विदेश के दूतावास
- मनोरंजन, पब्लिक रिलेशन और ट्रांसलेशन
- मल्टी-नेशनल कंपनियों में विभिन्न पदों पर नियुक्ति
- अंतरराष्ट्रीय संगठनों जैसे - यूएनओ, फ़ूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन, वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ आदि
- विदेश मंत्रालय, आरबीआई और अन्य राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थान
फॉरेन लैंग्वेज (Foreign Language) कोर्स के लिए प्रमुख संस्थान :
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेन लैंग्वेज, बंगलौर
- दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
- भारतीय विद्या भवन, जवाहरलाल नेहरू एकेडमी ऑफ़ लैंग्वेज, दिल्ली
- जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, दिल्ली
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
- स्कूल ऑफ़ लैंग्वेज, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली
- सावित्री बाई फुले पूना विश्वविद्यालय, पुणे
- सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेज, हैदराबाद
- बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी