पेट की जलन के लिए क्या करें
आजकल यह समस्या बच्चों और बूढ़ों से लेकर नौजवानों तक में देखी जा रही है। गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) दैनिक जीवन को बाधित कर सकता है। यह समस्या पेट में मौजूद एसिड या अन्य तत्वों के मुंह और पेट को जोड़ने वाली नली (ग्रासनली) में वापस आने के कारण होती है। शरीर में अमाशय के निचले हिस्से के आस-पास 'लोअर एसोफिजिअल स्फिंक्टर' नामक मांसपेशियों का एक गोलाकार बैंड होता है। खाद्य पदार्थों के इस हिस्से से गुजरने के बाद यह बैंड वॉल्व की तरह बंद हो जाता है। लेकिन अगर यह स्फिंक्टर ठीक से काम न करे या काम करना बंद कर दे तो पेट में उत्पन्न एसिड भोजन नली में वापस आ सकते हैं। जिससे गैस्ट्रोएसोफेगल रोग की समस्या जन्म लेने लगती है।
सीने में अक्सर होने वाली जलन इसके प्रमुख लक्षणों में से एक है। इसके अन्य लक्षणों में आवाज में भारीपन, सांस का फूलना, छाती में दर्द, निगलने में कठिनाई, सूखी खांसी या गले में खराश, भोजन या खट्टे तरल का उल्टी के साथ बाहर आ जाना, गले में गांठ महसूस होना आदि हैं। यदि यह समस्या लंबे समय से किसी को परेशान कर रही है तो अस्थमा की शिकायत हो जाती है।
भोजन नली में एसिड के लगातार वापस आने से अंदरूनी सतह में जलन महसूस होने लगती है और इसमें सूजन आ सकती है। इससे भोजन नली की अंदरूनी सतह क्षतिग्रस्त होने लगती है। इसके चलते रक्तस्त्राव और भोजन नली के संकरे होने जैसी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। कभी-कभी यह कैंसर का रूप भी ले सकता है। गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) से बचने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। भोजन में मसालों का उपयोग अधिक मात्रा में न करें। इसके साथ ही चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक और खट्टे फलों से परहेज जरूरी है। पत्तेदार साग-सब्जियां और फलों में खरबूजे, केले, सेब और नाशपाती का सेवन करें।
पेट की जलन का इलाज क्या है ?
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। इसके लिए आपको अपनी दिनचर्या में कुछ जरूरी बदलाव करने होंगे। अगर आप इस बीमारी से पीड़ित हैं तो सोते समय सिर का हिस्सा ऊंचा रखें ताकि पेट से एसिड या अन्य तत्व ऊपर की तरफ न आएं। समस्या गंभीर होने का इंतजार न करें और समय रहते डॉक्टर की सलाह जरूर लें। डॉक्टर, लक्षणों के आधार पर मरीजों की जांच करते हैं।इस बीमारी का निदान ऊपरी पाचन तंत्र के एक्स-रे और एंडोस्कोपी आदि के जरिए किया जाता है। गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) के इलाज के लिए शुरुआत में ऐसी दवाएं दी जाती हैं जो पेट में एसिड को कम करती हैं। कभी-कभी रोग की जटिल अवस्था में सर्जरी की आवश्यकता भी पड़ सकती है।