जानिए डॉक्टर सफेद कोट क्यों पहनते हैं
इसका किस्सा भी बहुत मजेदार है। कनाडा के मॉन्ट्रियल जनरल अस्पताल में सर्जन और वहां के मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर जॉर्ज आर्मस्ट्रांग को काले रंग का कोट बिल्कुल नहीं भाया, उन्होंने डॉक्टरों को सफेद रंग के कोट पहनने का सुझाव दिया। इस रंग को चुनने की वजह बहुत ख़ास थी। सफेद रंग शुद्धता और स्वच्छ्ता के साथ दया और करुणा का भी रंग माना जाता है जो डॉक्टरों के सेवा भाव को दर्शाता है।
समाज में डॉक्टरों को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। आपने देखा होगा कि डॉक्टर लोगों की जान बचाने के लिए कितनी जी-जान से मेहनत करते हैं। डॉक्टरों द्वारा पहना जाने वाला यह कोट 'लैब कोट' और 'एप्रन' के नाम से भी जाना जाता है। यह सफेद या किसी अन्य हल्के रंग के सूती, लिनन और पॉलिएस्टर कपड़े से बना होता है जो खौलते हुए पानी में धोने पर भी खराब नहीं होता। कई बार डॉक्टरों के कपड़े गर्म पानी में धोने की जरूरत पड़ती है। ऐसा करने से इन पर चिपके हुए वायरस और बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। साथ ही सफेद रंग का होने के कारण आसानी से पता चल जाता है कि कोट साफ़ हुआ है या नहीं।
सफेद रंग का यह कोट शरीर के तापमान को एक समान बनाए रखने में भी मदद करता है। डेनमार्क और इग्लैंड के डॉक्टर्स सफेद कोट का इस्तेमाल कम करते हैं। ज्यादातर मेडिकल कॉलेजों में 'सफेद कोट' समारोह भी मनाया जाता है। हालांकि डॉक्टर्स ऑपरेशन करते समय हरे रंग के कपड़े पहनते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऑपरेशन थिएटर के तनाव भरे माहौल में हरा रंग आँखों और दिमाग को आराम देता है।