जानिए हमारे शरीर पर मस्से क्यों होते हैं वजह जानकर हैरान रह जाएंगे
कुछ मामलों में यह आनुवंशिक भी होता है इसलिए अगर कोई व्यक्ति मस्सों की शिकायत लेकर आता है तो डॉक्टर सबसे पहले उसके पारिवारिक इतिहास की जांच करते हैं। बढ़ता हुआ वजन और डायबिटीज से प्रभावित लोगों के शरीर पर अक्सर मस्से निकल आते हैं। अनियमित जीवनशैली भी इसकी एक बड़ी वजह है। आजकल तो छोटे बच्चों में भी यह समस्या आम हो गयी है।
मस्से कितने प्रकार के होते हैं ?
मस्से कई प्रकार के होते हैं - जैसे फ्रेकल्स, मिलेनोसाइटिक और वेलगैरिस आदि। मस्से या तिल का बनना एक सामान्य प्रक्रिया मानी जाती है। ज्यादातर मस्से खतरनाक नहीं होते। कभी-कभी शरीर पर हल्के भूरे रंग के मस्से निकल आते हैं। चूँकि ये त्वचा पर मांस की एक छोटी गाँठ की तरह होते हैं इसलिए इन बार-बार ध्यान जाता रहता है। हम इन्हें अपनी उंगलियों से लगातार छेड़ते रहते हैं। धीरे-धीरे ये मस्से बड़े होने लगते हैं। कुछ मामलों में आगे चलकर ये परेशानी में डाल सकते हैं।अगर मस्से तेजी से बढ़ रहे हैं तो इनका खुद इलाज करने की कोशिश न करें क्योंकि यह आपके लिए घातक हो सकता है। अगर मस्से मुलायम हैं तो सामान्य मस्सों की श्रेणी में आते हैं जिनसे कोई खतरा नहीं होता। लेकिन अगर से कठोर और काले हैं तो इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसा भी हो सकता है कि रक्त वाहिकाओं में थक्का जमा हो रहा हो।
अगर मस्सों का रंग काला है और इसका आकार लगातार बढ़ रहा है तो यह चिंताजनक स्थिति हो सकती है। प्रारम्भिक स्तर पर सामान्य मस्सों का इलाज दवाओं के द्वारा किया जाता है लेकिन लगातार बढ़ रहे मस्सों का इलाज करने के लिए लेजर ट्रीटमेंट या फिर सर्जरी का विकल्प बेहतर रहता है।
शरीर पर मस्से होने पर उनसे किसी तरह की छेड़छाड़ न करें। ऐसा करने से संक्रमण बढ़ने का खतरा रहता है। अगर आपके शरीर पर मस्सों की लगातार संख्या बढ़ रही है तो अपनी जीवन शैली में सुधार लाएं। अगर मस्सों में दर्द है या वे बहुत सख्त हैं तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
शरीर पर मस्से होने पर उनसे किसी तरह की छेड़छाड़ न करें। ऐसा करने से संक्रमण बढ़ने का खतरा रहता है। अगर आपके शरीर पर मस्सों की लगातार संख्या बढ़ रही है तो अपनी जीवन शैली में सुधार लाएं। अगर मस्सों में दर्द है या वे बहुत सख्त हैं तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
सही खानपान और दिनचर्या से मस्सों से कुछ हद तक छुटकारा पाया जा सकता है। उचित मात्रा में प्रोटीन और विटामिन का सेवन करें। रिफाइंड, प्रोसेस्ड फ़ूड और शक़्कर की अधिक मात्रा वाली चीजों से परहेज करें।