एनिमेशन में करियर कैसे बनाएं आइये जानते हैं। युवाओं को तेजी से आकर्षित कर रहा एनिमेशन का क्षेत्र रचनात्मक पर आधारित है जो ललित कला, स्केचिंग आदि पर निर्भर करता है। घंटों एक ही प्रोजेक्ट पर लगातार काम करने और कुछ नया गढ़ने की लालसा इस क्षेत्र में सफल बना सकती है।
टीवी, पत्रिका, अखबार, होर्डिंग, कंप्यूटर आदि मल्टीमीडिया के सहारे चल रहे हैं। इसी से संबंधित एनिमेशन भी विकास कर रहा है। भारत में एनिमेशन का बड़ा बाजार स्थापित हो चुका है। आने वाले वर्षों में करीब 70 फीसदी जॉब मल्टीमीडिया से होंगे, इसलिए छात्रों को अपनी पढ़ाई के दौरान ही प्रोयोगिक ज्ञान को आत्मसात करना होगा।
एनिमेशन में कोर्स से जुड़ी कौन-कौन सी जानकारीयां हैं ?
एनिमेशन से संबंधित स्नातक, परास्नातक डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा व सर्टिफिकेट स्तर पर कई तरह के पाठ्यक्रम मौजूद हैं। इनमें एनिमेशन आर्ट, ग्राफिक व एनिमेशन प्रिंसिपल, प्रोडक्शन प्रोसेस, कैरेक्टर डिजाइन, 2D व 3D एनिमेशन, विजुअल कम्युनिकेशन आदि की जानकारी दी जाती है। अन्य कोर्सेस में बीए इन मल्टीमीडिया, एमए इन मल्टीमीडिया, सर्टिफिकेट इन 3D स्टूडियो मैक्स, सर्टिफिकेट इन माया, सर्टिफिकेट इन वेब डिजाइनिंग, सर्टिफिकेट इन ग्राफिक डिजाइनिंग, डिप्लोमा इन ब्रॉडकास्ट एनिमेशन, डिप्लोमा इन क्लासिकल एनिमेशन, एडवांस डिप्लोमा इन डिजिटल एनिमेशन एंड वीएफएक्स आदि शामिल हैं।
एनिमेशन में नौकरी के लिए कौन-कौन से रास्ते हैं ?
अनेक विकल्पों के बावजूद एनिमेशन बेहतरीन क्षेत्र है। यह क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है और यहां रोजगार के अनेक विकल्प हैं मीडिया और मनोरंजन से जुड़ा क्षेत्र है जिसका बाजार कभी मंदा नहीं होता। अगर नैस्कॉम की रिपोर्ट पर गौर करें तो एनिमेशन उद्योग 22 फीसदी की सालाना दर में वृद्धि कर रहा है। आने वाले वर्षों में इसमें 6 लाख से अधिक प्रशिक्षित पेशेवरों की जरूरत पड़ेगी। एनिमेशन में आपको इस रूप में अवसर मिलेंगे - क्लीनअप आर्टिस्ट, जूनियर आर्टिस्ट, असिस्टेंट एनिमेटर, कैरेक्टर डिजाइनर, बैकग्राउंड आर्टिस्ट, स्टोरी बोर्ड आर्टिस्ट, विजुअलाइजर, 2D व 3D डिजिटल एनिमेटर, वीडियो एडिटर, गेम प्रोग्रामर, एनिमेशन डायरेक्टर आदि।
एनिमेशन में 2D और 3D में क्या अंतर है ?
2D एनिमेशन में कई श्रेणियां हैं। यहां सिर्फ दो एक्सिस (X और Y) पर काम करते हैं। इसका सर्वप्रथम प्रयोग वाल्ड डिज्नी ने किया था। पहले कंप्यूटर न होने से अलग-अलग सीट पर 20-22 कार्टून हाथ से बनाकर कैमरे को चला दिया जाता था। अब कंप्यूटर से सॉफ्टवेयरों के द्वारा कार्टून तैयार किये जाते हैं। भारत की पहली एनिमेशन फिल्म 'हनुमान' 2D एनिमेशन की देन है। 3D एनिमेशन सॉफ्टवेयर आधारित पाठ्यक्रम है जिसमें 3D स्टूडियो मैक्स, माया, सॉफ्ट इमेज आदि प्रमुख हैं।
एनिमेशन में वेतन कितना है ?
अधिकांश एनिमेटरों को ग्रेड जैसे - पी-1, पी-2, पी-3, पी-4 और पी-5 के आधार पर वेतन मिलता है। इनमें नए आने वाले युवाओं को पी-5 ग्रेड का एनिमेटर माना जाता है। इस स्तर पर उन्हें 12-15 हजार रूपये/माह वेतन मिलता है। दो साल का अनुभव होने पर वह टीम लीडर तथा पांच साल का अनुभव होने के पश्चात सुपरवाइजर बन जाता है। टीम लीडर के रूप में उसे 20-25 हजार रूपये/माह जबकि सुपरवाइजर के रूप में 40-45 हजार रूपये प्रतिमाह मिलते हैं। फ्रीलांसिंग या प्रोजेक्ट के रूप में काम करने पर आमदनी की कोई सीमा नहीं होती है।
एनिमेशन में अवसरों की तलाश :
मनोरंजक क्षेत्र (टीवी/फिल्म/म्यूजिक वीडियो), वीडियो गेम कंपनियों, विज्ञापन कंपनियों और कंप्यूटर के क्षेत्र में नौकरियों की कोई कमी नहीं है।
एनिमेशन के लिए संस्थान का चयन कैसे करें ?
किसी भी संस्थान का एक मापदंड होता है। वहां उपलब्ध सुविधाओं के साथ प्लेसमेंट रिकॉर्ड को भी जानें। अध्यापक कैसे हैं, पढ़ाने का तरीका कैसा है, इस पर भी जरूर ध्यान दें कि संस्थान में थ्योरी पर जोर दिया जाता है या प्रैक्टिकल पर।
एनिमेशन में भविष्य की राह जानिए
एनिमेशन के इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए युवाओं को रंग, आकार और अनुपात के संबंध में अच्छी समझ होनी चाहिए। एक एनिमेटर को लेखक, वॉयस ओवर एक्टर, साउंड टेक्नीशियन और म्यूजिक कंपोजर के साथ तालमेल बैठाने की आवश्यकता पड़ती है।