हम अपने शरीर के लीवर को सिरोसिस से कैसे बचायें
सिरोसिस के शुरुआती चरण में आमतौर पर कुछ लक्षण ही दिखाई देते हैं। लेकिन जैसे-जैसे लीवर कमजोर पड़ने लगता है रोगी की भूख कम हो जाती है। उसे पीलिया हो जाता है। बहुत से मरीजों को उल्टी और त्वचा संबंधी परेशानियां होने लगती हैं। ये लक्षण किसी में कम या ज्यादा हो सकते हैं।
'लीवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis)' का निदान मरीज की 'मेडिकल हिस्ट्री' और दिखाई देने वाले लक्षणों के आधार पर किया जाता है। डॉक्टर सबसे पहले इस बात की जाँच करते हैं कि मरीज बहुत अधिक नशा तो नहीं करता या उसे हेपेटाइटिस बी और सी का संक्रमण तो नहीं है। कई लोगों में वंशानुगत तौर पर भी यह बीमारी होती है। सबसे पहले यह पता लगाया जाता है कि लीवर को कितना नुकसान हुआ है। एक बार यदि लीवर में हुए नुकसान की पहचान कर ली जाए तो उसे बढ़ने से रोका जा सकता है।
लीवर सिरोसिस के लक्षण क्या हैं ?
यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है इसलिए आपको इसे लेकर बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। अगर किसी को लंबे समय तक भूख न लगने, बार-बार या स्थाई रूप से पीलिया होने, शरीर पर लाल चकते आने, त्वचा में लगातार खुजली और पेट में सूजन की शिकायत हो तो उसे सिरोसिस हो सकता है। 'लीवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis)' के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से तत्काल संपर्क कर उपचार शुरू करें।लीवर सिरोसिस की सावधानियां क्या हैं ?
इसके साथ ही कुछ सावधानियां भी बहुत जरूरी हैं जैसे - शराब का अधिक सेवन न करें, धूम्रपान और तम्बाकू से दूर रहें, जंक फ़ूड से परहेज करें, संतुलित आहार लें, वजन को नियंत्रित रखें और नियमित रूप से व्यायाम करें। जो लोग 'लीवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis)' से ग्रसित हैं वे नई दवा शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।लीवर सिरोसिस का इलाज क्या है ?
'लीवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis)' का इलाज उसके कारणों पर निर्भर होता है। अगर अल्कोहॉल से सिरोसिस हुआ है तो उसका सेवन पूरी तरह वर्जित कर दिया जाता है। हेपेटाइटिस बी या सी से पीड़ित सिरोसिस के मरीजों को डॉक्टर पहले एंटीवायरल दवाएं देकर लीवर कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाते हैं। अगर कोई मरीज 'हेमोक्रोमैटोसिस' से पीड़ित है तो दवा के जरिए सिरोसिस के लक्षणों नियंत्रित किया जाता है।एडिमा या जलोदर का इलाज आहार में नमक को नियंत्रित कर किया जाता है। जैसे-जैसे 'लीवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis)' की गंभीरता बढ़ती जाती है मरीज को अतिरिक्त उपचार और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ने लगती है। 'लीवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis)' के किसी भी लक्षण का इलाज पहले तो दवाइयों से किया जाता है लेकिन इससे पूरी तरह ठीक होने के लिए लीवर प्रत्यारोपण की जरूरत होती है। लीवर प्रत्यारोपण एक प्रकार की सर्जरी होती है जिसमें क्षतिग्रस्त लीवर या उसके किसी हिस्से को स्वस्थ लीवर या उसके किसी हिस्से के साथ बदल दिया जाता है।