आप नहीं जानते होंगे कि सांप की जीभ क्यों लपलपाती है वजह जानकर हैरान रह जाएंगे
सांपों की देखने की शक्ति बहुत ही कम होती है। ऐसे में सांप के लिए अपने आस-पास की जगह और वहां घूमने वाले जीवों का पता लगाना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है। वे किस दिशा में जा रहे हैं और उनके आस-पास कौन-सी चीजें हैं इसका पता सांप अपनी जीभ से ही लगाते हैं। आप सोच रहे होंगे कि वो अपनी जीभ से ऐसा कैसे कर पाते होंगे।
दरअसल, हमारे आस-पास के वातावरण और वहां मौजूद अधिकतर चीजों की अपनी एक विशेष गंध (महक) होती है। सांप अपनी जीभ का इस्तेमाल इसी गंध का पता लगाने के लिए करते हैं। इसकी मदद से वह अपने आस-पास मौजूद शिकार और खतरे को भांप लेते हैं। इससे उन्हें अपने रास्ते का पता लगाने में भी मदद मिलती है। इससे सांप को यह मालूम हो जाता है कि आगे क्या है या क्या हो सकता है।
सांपों की जीभ बीच से दो भागों में बंटी होती है। इसकी वजह से ये अपने चारों तरफ के माहौल को पलक झपकते ही भांप लेते हैं। हर जीव के शरीर का तापमान वातावरण के तापमान से भिन्न होता है। अपनी जीभ द्वारा सांप इस अंतर को आसानी से भांप लेता है। सांपों की जीभ मुलायम नहीं, बल्कि कांटेदार होती है। यह उन्हें अपने शिकार को मजबूती से पकड़ने में भी मदद करती है। पहले जीभ गंध के अणुओं को इकट्ठा करती है फिर इन्हें पहचानने का काम मुंह के अंदर मौजूद दूसरे अंग करते हैं।
ये विशेष अंग नाक के पास स्थित होते हैं। इन्हें 'वोमेरोनसाल' या 'जैकबसन' कहा जाता है। इनका आकार बल्ब जैसा होता है। जब सांप अपना मुंह बंद करते हैं तो जीभ अंदर चली जाती है। जीभ में चिपके गंध के अलग-अलग कण जब वोमेरोनसाल के सम्पर्क में आते हैं तो उनसे जुड़ी जानकारी फौरन दिमाग तक पहुंचा दी जाती है। गंध के अनुसार ही सांप अपने कार्यों का निर्धारण करते हैं। कभी-कभी सांप अपनी जीभ को तेजी से अंदर-बाहर करते हैं ताकि वे आस-पास होने वाले किसी भी बदलाव का पता तुरंत लगा सकें।