साइबर अटैक (Cyber Attack) से बचने के लिए डिवाइस या सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहना बहुत जरूरी है क्योंकि कई बार लालच तो ज्यादातर लापरवाही और जल्दबाजी में हम ऐसे काम कर बैठते हैं, जिनसे साइबर अपराधी आसानी से हमें अपना शिकार बना लेते हैं। यही वजह है कि डिजिटल युग में साइबर अपराध का ग्राफ तेजी से ऊपर जा रहा है। लुभावने लिंक्स, ऑफर्स या फोन कॉल के जरिए ऑनलाइन ठगी हो रही है। ऐसे में आपकी सजगता और सतर्कता ही 'साइबर सुरक्षा' की पहली गारंटी है।
फ्री वाई-फाई की नो एंट्री :
कॉफी शॉप, सैलून या अन्य किसी सार्वजनिक स्थान पर मिलने वाली फ्री वाई-फाई सुविधा आपका ज्यादा खर्च करा सकती है। चूंकि ये नेटवर्क सभी के लिए उपलब्ध हैं, ऐसे में साइबर ठग आसानी से आपको चूना लगा सकते हैं। ऐसे में जब आपको इंटरनेट का उपयोग करने की आवश्यकता हो तो वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क यानी वीपीएन का उपयोग करें। यह सेवा आपको ऑनलाइन गोपनीयता प्रदान करती है।
अपडेट्स पर जरूर ध्यान रखें :
सॉफ्टवेयर अपडेट्स को बार-बार न छोड़ें। ध्यान रहे कि 'रिमाइंड मी लेटर' विकल्प का चयन आपको परेशानी में डाल सकता है। डिवाइस को सुरक्षित रखने के लिए समय-समय पर अपडेट करते रहें। अक्सर काम के बीच सॉफ्टवेयर अपडेट के नोटिफिकेशन आते हैं, इसलिए जब काम न कर रहे हों, तभी सॉफ्टवेयर को अपडेट कर लें।
स्पैम कॉल से बचाव :
एक समस्या का सामना लगभग सभी मोबाइल यूजर करते हैं। वह है - बेवक्त आने वाली स्पैम कॉल। इसमें टेलीमार्केटिंग से लेकर ऑनलाइन फर्जीवाड़े तक शामिल होते हैं इसलिए स्पैम कॉल उठाने से बचें। ट्रू-कॉलर के जरिए आप यह जान सकते हैं कि कॉल फेक है या नहीं। अक्सर लोग समय गुजारने के लिए या अनजाने में स्पैम कॉल उठा लेते हैं। वे इस बात से अनजान होते हैं कि सामने वाला व्यक्ति आवाज रिकॉर्ड कर रहा है।
जल्दबाजी न करें :
अक्सर आप जल्दबाजी में किसी एप, साइट या सर्विस की नियम-शर्तें पढ़े बगैर 'यस' विकल्प दबा देते हैं। ऐसा करके आप कंपनियों को निजी डाटा इकट्ठा करने की अनुमति दे देते हैं। गोपनीयता नीति, नियम और शर्तें पढ़ते समय सावधान रहें। कंप्यूटर पर काम कर रहे हैं तो 'कंट्रोल+एफ' बटन दबाएं। अब 'थर्ड पार्टी', 'जीपीएस' और 'ट्रैकिंग' जैसे शब्द खोजें। आप यह जान पाएंगे कि आपका डाटा कैसे उपयोग हो रहा है।
ऑनलाइन अकाउंट्स :
आपके पास जितने अधिक ऑनलाइन अकाउंट्स होंगे डाटा चोरी होने का खतरा उतना ही अधिक होगा। इसलिए ईमेल या फोन के माध्यम से उन अकाउंट्स का पता लगाएं जिनका उपयोग न कर रहे हों और उन्हें तुरंत बंद कर दें।