रेडियो स्टेशन के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए कई विकल्प जानिए
ऐसे में सरकारी संस्थानों के अलावा कई निजी संस्थानों ने रेडियो एवं इससे जुड़े विषयों का पाठ्यक्रम शुरू किया है। आज रेडियो के क्षेत्र में रेडियो जॉकी के अलावा भी कई विकल्प हैं। आवाज की दुनिया में अच्छी आवाज के साथ, अच्छे लेखन, अच्छे प्रोग्राम प्रबंधन, म्यूजिक शेड्यूलिंग आदि विभिन्न रूपों में अपना करियर बना सकते हैं।
रेडियो के लिए योग्यताएं और कोर्सेज के बारे में जानिए
अगर आप 12वीं पास हैं और आपने मास-कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म से ग्रेजुएशन किया है तो इसका मतलब है कि आप रेडियो पर काम करने की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता रखते हैं। आज कई संस्थान रेडियो जॉकी, रेडियो प्रोडक्शन, रेडियो प्रोग्राम प्रोडक्शन, रेडियो मैनेजमेंट आदि में शॉर्ट टर्म या डिप्लोमा के कोर्सेज करवा रहे हैं।इनमें प्रमुख हैं - रेडियो जॉकिंग में डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा इन रेडियो मैनेजमेंट, रेडियो प्रोडक्शन में सर्टिफिकेट कोर्स आदि। लेकिन रेडियो पर सफल होने के लिए केवल कोर्स करना काफी नहीं है, आपका व्यक्तित्व आकर्षक, हिंदी व अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ एवं गीत-संगीत में रूचि होनी चाहिए। साथ ही सम-सामयिक घटनाओं पर भी आपकी पैनी नजर होनी चाहिए।
रेडियो स्टेशन में करियर बनाने के लिए कौन-कौन से विकल्प हैं ?
- रेडियो जॉकी : रेडियो जॉकी बनने के लिए ज्यादा बोलना नहीं, वरन सुंदर और स्पष्ट बोलना अपेक्षित होता है। एक अच्छे रेडियो जॉकी में समसामयिक घटनाओं का ज्ञान, संगीत में रूचि और बातों को अलग ढंग से प्रस्तुत करने का क्रिएटिव गुण होना चाहिए।
- कॉन्टेंट हेड : कॉन्टेंट हेड रेडियो के महत्वपूर्ण पदों में से एक है। रेडियो कार्यक्रमों के पूरे कॉन्टेंट के लिए यही जिम्मेदार होता है। इसके कार्यों में रेडियो के कार्यक्रम के अलग प्रस्तुतिकरण, एकदम जुदा और नई थीम को शामिल करना, किसी नई मुहिम को शुरू करना, किसी ख़ास क्लाइंट के लिए कस्टमाइज्ड कंटेंट, किसी ख़ास दिन के लिए विशेष कार्यक्रम, आकस्मिक कार्यक्रम की संरचना करना आदि शामिल हैं।
- प्रोग्रामिंग हेड : इसका कार्य अपनी रेडियो जॉकी की टीम, म्यूजिक, आउटडोर आरजे, प्रोड्यूसर, सेल्स टीम के साथ टीम वर्क करना, समय पर रिपोर्ट्स आदि बनवाना।
- स्क्रिप्ट राइटर : रेडियो में स्क्रिप्ट राइटर न केवल रेडियो प्रोग्राम के लिए, बल्कि क्लाइंट्स के लिए विज्ञापन हेतु भी लेखन करते हैं। इसके अलावा इन्हें कुछ विशेष कैप्सूल स्क्रिप्ट, ब्रांड इंटीग्रेशन, कैरक्टर स्क्रिप्ट, चुनिंदा क्लाइंट्स के लिए टैग लाइन भी तैयार करना होता है।
- प्रोमो प्रोड्यूसर : प्रोमो प्रोड्यूसर का कार्य किसी भी कार्यक्रम के प्रोमो समय पर डिलीवर करना, विज्ञापन के स्क्रैच बनाना और समयबद्ध तरीके से प्रोडक्शन करना आदि होता है।
- म्यूजिक शेड्यूलर : एक म्यूजिक शेड्यूलर को बॉलीवुड एवं अन्य गीतों का ज्ञान होना चाहिए। किस समय कौन-सा गीत प्ले करना है, कार्यक्रम की थीम के अनुसार, किसी ख़ास दिन के लिए, मौसम के अनुसार या गीतों की फरमाइश पर उन्हें उपयुक्त तरीके से प्ले आउट में शामिल करना, म्यूजिक रिपोर्ट्स तैयार करना आदि म्यूजिक शेड्यूलर की जिम्मेदारियों में शामिल हैं।
- साउंड इंजीनियर : साउंड इंजीनियर को ऑडियो सॉफ्टवेयर पर काम करना आना चाहिए। एडिटिंग, मिक्सिंग का ज्ञान होना चाहिए। साउंड इफेक्ट्स को देखना, समयबद्ध विज्ञापन बनाना आदि इसके ही कार्य हैं।
- रेडियो प्रोड्यूसर : कार्यक्रम के लिए स्पेशल इंटरव्यू, गेस्ट लिस्ट, ऑडियो बाइट, लिसनर कनेक्ट, लिसनर मैनेजमेंट सिस्टम, कॉन्टेस्ट्स ट्रैक आदि इंतजाम करना रेडियो प्रोड्यूसर का काम है।
- फील्ड आरजे : फील्ड आरजे का कार्य स्टूडियो से बाहर फील्ड में रिकॉर्डिंग, स्टूडियो से कनेक्ट करके कार्यक्रम में मदद करना, किसी ख़ास दिन या किसी ख़ास कार्यक्रम में पब्लिक से बाइट रिकॉर्ड करना, वॉक्स पॉप बनाने में मदद करना आदि हैं।
- रेडियो सेल्स एंड रेडियो मार्केटिंग : रेडियो सेल्स एवं मार्केटिंग टीम पूरी तरह से विक्रय और ब्रांडिंग का काम करती है। क्लाइंट्स को रेडियो कार्यक्रमों से जोड़ना एवं उनके प्रोडक्ट को रेडियो के माध्यम से प्रमोट करना भी इसी की जिम्मेदारी है।