न्यूट्रिशियन डायटेटिक्स के क्षेत्र में करियर के बारे में जानिए
डायटिशियन के क्या कार्य होते हैं ?
डायटिशियन का कार्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता का विश्लेषण करना होता है। इस प्रक्रिया में केवल खाने से पहले ही आहार की गुणवत्ता का निर्धारण नहीं किया जाता, बल्कि शरीर पर आहार के पड़ने वाले प्रभाव का विश्लेषण भी किया जाता है। समान्यतया अस्पताल में काम करने वाले ऐसे प्रोफेशनल्स डायटिशियन और हेल्थकेयर या फिटनेस सेंटर में काम करने वाले न्यूट्रिशनिस्ट कहलाते हैं।व्यक्तिगत गुण कैसे होने चाहिए ?
डायटिशियन का काम खानपान के तौर-तरीकों से अवगत कराने के अलावा अच्छे स्वास्थ्य के मद्देनजर जरूरी चीजों को बढ़ावा देना है। इसलिए एक अच्छे डायटिशियन को खानपान में रूचि होने के साथ-साथ उसे तैयार करने की विधि की जानकारी भी होनी चाहिए। कम्युनिकेशन स्किल्स बेहतर होनी चाहिए।इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए कोर्स और शैक्षणिक योग्यता क्या होनी चाहिए ?
इस क्षेत्र में जो भी करियर ऑप्शन हैं, वे ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद सामने आते हैं। पीजी के बाद अच्छे अवसर मिलते हैं। इसके लिए छात्रों को होम साइंस, न्यूट्रीशन व डायटेटिक्स, क्लीनिकल न्यूट्रीशन, फूड साइंस/टेक्नोलॉजी से संबंधित कोर्स करना अनिवार्य है। बैचलर कोर्स (डायटीशियन या न्यूट्रीशन) के लिए विद्यार्थियों को होम साइंस या साइंस स्ट्रीम के साथ 12वीं पास होना जरूरी है।कुछ संस्थान ऐसे भी हैं जो 12वीं के बाद 4 वर्षीय फूड टेक्नोलॉजी के साथ कोर्स कराते हैं। इसके बाद मास्टर कोर्स में दाखिला लिया जा सकता है। एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा कोर्स भी विद्यार्थियों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है। इसमें प्रवेश पाने के लिए आपके पास फ़ूड साइंस, होम साइंस, बायोटेक्नोलॉजी आदि में बैचलर डिग्री होनी चाहिए। पोषण और आहार विज्ञान, पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा व आहार सहायक में डिप्लोमा, बीएससी (पोषण और डायटेटिक्स), नैदानिक पोषण और आहार विज्ञान में बीएससी आदि इस क्षेत्र के प्रमुख कोर्स हैं।