आर्किटेक्चर में वैज्ञानिकता और रचनात्मकता के क्षेत्र में करियर बनाने के बारे में जानिए

आर्किटेक्चर में वैज्ञानिकता और रचनात्मकता के क्षेत्र में करियर बनाने के बारे में जानिए
आर्किटेक्चर में वैज्ञानिकता और रचनात्मकता में करियर बनाने के लिए अलग-अलग से रास्ते हैं। आज के आधुनिक और प्रौद्योगिकी आधारित दौर में ज्यादातर युवा अपना भविष्य तकनीकी क्षेत्र में देखना चाहते हैं। इसका कारण यह है कि इस क्षेत्र में नौकरी और स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं।

वहीं कुछ युवा ऐसे भी हैं जो तकनीकी के साथ ही विशेष कलात्मक रुझान भी रखते हैं। गणित और विज्ञान के अलावा उनकी पकड़ चित्रकला तथा अन्य कलात्मक विषय-वस्तुओं पर समान रूप से रहती है। ऐसे में उनकी कलात्मक, सृजनात्मक एवं तकनीकी रूचि का समावेश करते हुए एक सुनहरे भविष्य की दिशा सुनिश्चित करने के क्रम में 'आर्किटेक्चर' एक अच्छा करियर विकल्प है।

इसमें भवन निर्माण के तमाम तकनीकी पहलुओं के साथ ही, उसकी खूबसूरती के मद्देनजर तमाम कलात्मक विषय एवं पाठ्यक्रम होते हैं। एक ओर इसमें भवन के स्ट्रक्चर से जुड़े तमाम वैज्ञानिक सिद्धांतों से रूबरू कराया जाता है तो वहीं दूसरी ओर कला की जड़ों से जुड़ाव रखने और उसकी भावना को समझने के लिए, कला के सृजन से लेकर उसके तमाम प्रारूपों का अध्ययन कराया जाता है।

जहां बात तकनीकी की हो, वहां भवन निर्माण में उपयोग होने वाली वस्तुओं के निर्माण-विधि से लेकर, प्रतिकूल परिस्थितियों में उनके टिकाऊपन की अवधि तथा सहन क्षमता तक का ज्ञान कराया जाता है। वहीं भवन के भार को सकुशल, भूमि में स्थानांतरित करने के लिए विभिन्न प्रकार की मिट्टी का भार उठाने की क्षमतानुसार विभिन्न प्रकार के स्ट्रक्चरल डिजाइन की वैज्ञानिक प्रक्रिया की तकनीकी जानकारी दी जाती है।

भवन का जुड़ाव समाज की भावनाओं से होता है, इसलिए अलग-अलग उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के भवनों का निर्माण होता है। कलात्मक रुझान को समझने के लिए भवन निर्माण के पाषण-कालिक इतिहास से लेकर, अब तक की सभ्यताओं में हुए तमाम प्रकार के भवन निर्माण, उनके उद्देश्य और उस समय की कला की जानकारी मुहैया करायी जाती है। साथ ही चित्रकला की अन्य बारीकियों तथा सिद्धांतों से परिचित कराया जाता है और तमाम ऐतिहासिक कलाकृतियों और उनकी कलाकारी, भवन और उसके वास्तुविद, उसके नेपथ्य की सोच, सिद्धांत एवं तकनीकी बारीकियों का अध्ययन कराया जाता है जोकि तकनीकी दुनिया के खुले आसमान में ऊंची उड़ान भरने का अवसर देती है।

एडमिशन कैसे लें ?

आप 12वीं कक्षा मैथ्स से उत्तीर्ण करने के बाद काउंसिल ऑफ़ आर्किटेक्चर द्वारा आयोजित नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट इन आर्किटेक्चर (NATA) को क़्वालीफाई करके आर्किटेक्चर के बैचलर कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। JEE द्वारा भी कुछ सीट आर्किटेक्चर के लिए निर्धारित रहती हैं। इसके अलावा राज्य स्तर के अलग-अलग विश्वविद्यालय भी इसकी प्रवेश परीक्षा का आयोजन करते हैं।

आर्किटेक्चर में करियर बनाने की अपार संभावनाएं जानिए

  • आर्किटेक्चर से बैचलर कोर्स करने के बाद एक आर्किटेक्ट के रूप में सरकारी या निजी क्षेत्र में करियर बना सकते हैं।

  • लोक निर्माण विभाग, विकास प्राधिकरण जैसे विभागों के साथ ही तमाम निजी कंपनियों में आर्किटेक्ट की मांग लगातार बनी रहती है। कुछ वर्षों के अनुभव के बाद आप कंसल्टेंट के तौर पर अपने बिजनेस की शुरुआत भी कर सकते हैं।

  • शहरीकरण के इस आधुनिक टेक्निकल दौर में इंफ्रास्ट्रक्चर के लगातार विकास के क्रम में यह मांग निरंतर बनी रहेगी।

  • बैचलर के बाद आप इसके अन्य विस्तृत शाखाओं से मास्टर्स करके अर्बन प्लानर, इंटीरियर डिजाइनर, लैंडस्केप डिजाइनर, प्रोडक्ट डिजाइनर, इंडस्ट्रियल डिजाइनर, आर्ट डायरेक्टर, सेट डिजाइनर, प्रोजेक्ट मैनेजर आदि के तौर पर कार्य कर सकते हैं।
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