अगर आप दिवाली का त्योहार ऐसे मनाएंगे तो माता लक्ष्मी की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी
अगर आप दिवाली (Diwali) का त्योहार ऐसे मनाएंगे तो माता लक्ष्मी आपसे हमेशा खुश रहेंगी। दिवाली के त्योहार की ये खुशियां और उमंग तभी बरकरार रह सकती हैं, जब हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहेगा। पटाखों और अन्य ज्वलनशील चीजों का इस्तेमाल करने से करने से पर्यावरण और ज्यादा प्रदूषित होता है। हमें पर्यावरण फ्रेंडली दिवाली मनाने की कोशिश करनी चाहिए। हर साल दिवाली (Diwali) पर करोड़ों रुपयों के पटाखों का उपयोग होता है। यह सिलसिला दशहरे से शुरू होकर दिवाली (Diwali) के बाद भी चलता रहता है। कुछ लोग इसे फिजूलखर्ची मानते हैं तो कुछ लोग परंपरा से जोड़कर देखते हैं।
Happy Diwali के त्योहार पर पटाखे शहरी, औद्योगिक और ग्रामीण इलाकों की हवा में प्रदूषण फैलाते हैं। देश के अनेक भागों में वायु प्रदूषण सुरक्षित सीमा से अधिक है। ऐसे में पटाखों से होने वाला प्रदूषण पर्यावरण को और ज्यादा प्रदूषित कर देता है। वातावरण में चारों ओर इतना धुआं हो जाता है कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है।
अस्थमा के रोगियों, बच्चों और बुजुर्गों तथा बीमार रोगियों को इससे बहुत तकलीफ होती है, लेकिन अपनी ही मस्ती में मस्त आज आदमी इतना संवेदनहीन हो गया है कि उसे अपनी खुशी के सिवाय कुछ और महसूस नहीं होता।
Happy Diwali के त्योहार पर हवा के प्रदूषण के अलावा पटाखों से ध्वनि प्रदूषण होता है। कई बार शोर का स्तर सुरक्षित सीमा को पार कर जाता है। ध्वनि प्रदूषण पशु-पक्षियों तथा जानवरों के लिए अच्छा नहीं है। हम सब जानते हैं कि मनुष्य ही इस संसार का सबसे विवेकवान प्राणी है, इस नजर से संसार में पाए जाने वाले समस्त जीवों की रक्षा का दायित्व भी उसी का है, मगर अफसोस इस बात का है कि ज्यों-ज्यों मानव वैज्ञानिक प्रगति कर रहा है, त्यों-त्यों उसकी पर्यावरण चेतना भी कम होती जा रही है।
Happy Diwali के त्योहार पर हमारे भारत का संविधान बताता है कि स्वच्छ पर्यावरण उपलब्ध कराना केवल राज्यों की ही जिम्मेदारी नहीं है, अपितु यह तो प्रत्येक नागरिक का दायित्व भी है। पर्यावरण हितैषी और सुरक्षित दिवाली (Diwali) मनाने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं, जैसे - पटाखों का कम से कम उपयोग करना। इससे पर्यावरणीय नुकसान कम होंगे, इसलिए इस दिवाली (Diwali) पर मिट्टी के दीये खरीदिये और दीये बेचने वाले गरीब लोगों की जिंदगियों और दिवाली (Diwali) को भी हैप्पी बनाइए। अपना, अपने माता-पिता का, अपने समाज और प्रकृति का ध्यान जरूर रखें। इस बार प्यार वाली दिवाली (Diwali) मनाएं और वातावरण को सुरक्षित रखें।