ब्रिटिश राजनेता ऋषि सुनक ने जब लॉकडाउन में लाखों लोगों की नौकरियां बचाईं
Rishi Sunak
ब्रिटिश राजनेता ऋषि सुनक के बारे में जानिए
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और स्टैनफोर्ड से स्नातक ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री हैं। निवेश बैंकर से राजनेता बने 210 वर्षों में सबसे कम उम्र के ब्रिटिश प्रधानमंत्री हैं। 42 वर्षीय ऋषि सुनक (Rishi Sunak) का जन्म ब्रिटेन के साउथेम्प्टन में एक भारतीय परिवार में हुआ। उनके दादा-दादी पंजाब के रहने वाले थे।
फार्मासिस्ट मां व डॉक्टर पिता के बेटे, ऋषि सुनक (Rishi Sunak) की शिक्षा ब्रिटेन के सबसे प्रसिद्ध स्कूलों में से एक, विनचेस्टर और फिर ऑक्सफोर्ड में हुई। उन्होंने गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक में तीन साल काम किया और फिर कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड से एमबीए किया। यहीं उनकी अक्षता मूर्ति से मुलाकात हुई। ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने अरबपति कार्यकर्ता हेज फंड मैनेजर क्रिस होन के टीसीआई फंड मैनेजमेंट में लगभग तीन साल काम किया। इसके बाद वह अपने टीसीआई सहयोगी पैट्रिक डेगॉर्स के हेज फंड थेलेम पार्टनर्स में शामिल हो गए।
ऋषि सुनक (Rishi Sunak) 2015 में रिचमंड, यॉर्कशायर से पहली बार संसद सदस्य (सांसद) बने। उन्होंने बतौर सांसद भगवद गीता पर शपथ ली। फरवरी 2020 में उन्हें ब्रिटेन के सबसे महत्वपूर्ण कैबिनेट पद, राजकोष के चांसलर के रूप में नामित किया गया। बोरिस जॉनसन के नेतृत्व में राजकोष के चांसलर के रूप में, उन्होंने डाउनिंग स्ट्रीट पर अपने आवास पर दिवाली के दीये जलाए।
स्टार वार्स के प्रशंसक हैं ऋषि सुनक (Rishi Sunak)
ऋषि सुनक (Rishi Sunak) स्टार वार्स प्रशंसक हैं जो बड़ा होकर जेडी नाइट बनना चाहते थे। वह अक्सर अपनी विरासत के बारे में बात करते हैं और कैसे उनके परिवार ने उन्हें मूल्यों और संस्कृति के बारे में याद दिलाया इसका जिक्र करते हैं।
लॉकडाउन में लाखों लोगों की नौकरियां बचाईं
कोरोना के कारण जब देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया तब ब्रिटिश राजनेता ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने लाखों लोगों की नौकरियां बचाने के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय पैकेज तैयार किया और लॉकडाउन में लाखों लोगों की नौकरियां बचाईं। सार्वजनिक व निजी जीवन में हमेशा घोटाले से ग्रस्त पूर्व पीएम जॉनसन से एक दूरी कायम रखी।